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शुक्रवार, 11 मई 2018

जानिए क्या है वायरल सच: क्या किसी हाईकोर्ट ने गर्मी की छुट्टी में स्कूल फीस पर पाबंदी का फैसला सुनाया है?

अचानक बच्चों की स्कूल फीस को लेकर एक मैसेज वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा है. मैसेज में गर्मी की छुट्टियों में स्कूल की फीस पर हाईकोर्ट के पाबंदी लगाने का दावा किया जा रहा है. ये मैसेज देखकर वो माता-पिता ज्यादा परेशान हैं जो जुलाई तक की फीस जमा कर चुके हैं और सोच रहे हैं कि अगर वाकई ऐसा हुआ है तो क्या उन्हें जमा किए पैसे वापस मिलेंगे?
अचानक बच्चों की स्कूल फीस को लेकर एक मैसेज वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा है. मैसेज में गर्मी की छुट्टियों में स्कूल की फीस पर हाईकोर्ट के पाबंदी लगाने का दावा किया जा रहा है. ये मैसेज देखकर वो माता-पिता ज्यादा परेशान हैं जो जुलाई तक की फीस जमा कर चुके हैं और सोच रहे हैं कि अगर वाकई ऐसा हुआ है तो क्या उन्हें जमा किए पैसे वापस मिलेंगे?
मैसेज में हाइकोर्ट का ऑर्डर एक पिटीशन नंबर के साथ लिखा हुआ है. पिटीशन नंबर ‘5812 of 2015’ है. पिटीशन नंबर 5812 को जब इंटरनेट पर सर्च किया गया तो पता चला कि ये फैसला पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट का है. इसी फैसले में सबसे ऊपर याचिकाकर्ता के वकील कमाल अफजर का नाम लिखा हुआ था.
पाकिस्तान में वकील कमाल अफजर ने बताया, ‘’पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट ने पांच मार्च 2018 को एक फैसला दिया है. ये फैसला प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में है. स्कूलों की फीस पर एक सीमा तय होनी चाहिए, लेकिन हाईकोर्ट ने स्कूल की फीस पर कैप लगाने से मना कर दिया था.’’

पाकिस्तान में स्कूलों की गर्मी की छुट्टियां जून जुलाई महीने में होती है, लेकिन कोर्ट ने पूरे फैसले में कहीं भी गर्मी की छुट्टियों में फीस पर पाबंदी लगाने की बात नहीं की है. मतलब ना तो हिंदुस्तान में ऐसा हुआ है और ना ही पाकिस्तान में हाईकोर्ट ने गर्मी की छुट्टियों में स्कूल फीस पर पाबंदी की बात की थी.
पड़ताल में गर्मी की छुट्टी में स्कूल फीस पर हाईकोर्ट की पाबंदी का दावा झूठा साबित हुआ है.

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