बुधवार, 15 अगस्त 2018 को पूरे भारत के लोगों द्वारा भारत के स्वतंत्रता
दिवस को मनाया जायेगा। इस साल 2018 में भारत अपना 72वाँ स्वतंत्रता दिवस
मनायेगा। 15 अगस्त 1947 को भारत में प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। पर इस आजादी को पाने के लिए देश के अनेक वीरों ने अपनी जान गवाई है तहसील तिलोई भी आजादी के इस आन्दोलन का गवाह बना यहाँ के अनेक आजादी के मतवालों ने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ़ बगावत का बिगुल फूंका अग्रेज़ी सरकार की अनेक यातनाओं को सहा और भारत माँ को आजादी दिलाई तहसील तिलोई के इन सभी आजादी के मतवालों को सादर नमन हमें आप पर गर्व है
रामस्वरूप मिश्रा विशारद आत्मज काशीदीन
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूज्य श्री विशारद जी का जन्म अप्रैल 1902 में सेमरौता में हुआ था। जिला परिषद में अध्यापक की नौकरी त्यागकर लगान बंदी आंदोलन में आए सन 1932- 33 में दो बार 6 महीने की सख्त सजा पाई व्यक्तिगत सत्याग्रह में सन 1940- 41 में 1 वर्ष की सजा 50 रुपए का जुर्माना लगाया गया। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में 14 माह तक नजर बंद रहे कई साल तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष तथा प्रांतीय व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व जिला बोर्ड के सदस्य रहे तिलोई और बछरावां सयुक्त विधानसभा से आप 1952 से 1957 तक विधायक भी रहे पंडित रामस्वरूप मिश्र विशारद जी की राजनीतिक तथा साहित्य दोनों में पैठ रही कृष्णायन महाकाव्य की रचना आपने की थी 13मई सन 1980 में स्वर्गवासी हुये।अहोरवा दीन यादव आत्मज अधीन यादव
अहोरवा दीन निवासी पहाड़पुर थाना मोहनगंज जिनका जन्म 1910 में तहसील तिलोई के पहाडपुर में हुआ था।
15 वर्ष की अवस्था में कानपुर नौकरी हेतु गए वहां गणेश शंकर विद्यार्थी के माध्यम से डाक वितरण में नियुक्त हो गए। 1 दिन डाक लेकर जाते हुए एक कांग्रेस जुलूस में शामिल हो गये। पकड़े जाने और पिटाई से जख्मी हो गए छह माह की सजा और ₹15 का अर्थदंड हुआ जिसमें अपना नाम शिव नाथ पुत्र विश्वनाथ बदल दिया 3 महीने की सजा काटने पर छोड़ दिए गए । कांग्रेस के कार्य में सदैव संलग्न रहे। सन 1940 41 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में 20 मई 1941 को 38(5 ) DIR में 1 वर्ष की सजा और ₹50 का अर्थदंड हुआ 16 दिसंबर 1941 को जिलाधिकारी के आदेश पर छुटे 1942 में जिला लखीमपुर खीरी में रहे ।
गजाधर वर्मा आत्मा राम सहाय वर्मा निवासी अचकवापुर थाना मोहनगंज
गजाधर वर्मा जिनका जन्म 20 नवंबर 1918 को तहसील तिलोई के अचकवापुर ग्राम में हुआ था । आपका संपर्क स्थानीय कांग्रेस नेता श्री राम भरोसे श्रीवास्तव से था । मोहना से कक्षा 2 व शाहमऊ से कक्षा 4 पास कर जायस व तिलोई मिडिल स्कूल में शिक्षा पाई। यहां सेनानी विशंभर नाथ (कांटा) तथा सेनानी माता प्रसाद का प्रभाव पड़ा। तिलोई कांग्रेस कार्यालय पर पुलिस ने कब्जा कर लिया था । गांधी टोपी लगाने और तिरंगा लेकर चलने में जोखिम थी । गुरदयाल कुम्हार और विपत मुराई के सहयोग से वर्मा जी कांग्रेस कार्यालय का ताला तोड़कर कब्जा कर लिया । खबर पाकर अंगेजी सरकार में हडकंप मच गया । खबर पाकर पुलिस आई और मारपीट कर तीनों को थाने ले गई वहां भी पिटाई हुई माफ़ी ना मांगने पर हवालात में बंद कर दिया गया। और अगले दिन तीनो लोगो को रायबरेली जेल भेज दिए गए । जहां छह छह माह की सजा हो गई जेल में कोल्हू और चक्की चलाने को मिली जेल सुपरिंटेंडेंट बनारसी दास ने इन पर बहुत अत्याचार किये एक महीने बाद बस्ती जेल भेजे दिए गए वहां के जेलर की पिटाई करने पर छह माह की सजा और बड़ा दी गयी जेल से छूट कर आने पर शाहमऊ में एक बहुत बड़ी सभा की जिसमें डा परमत्मादीन सिंह उन्नाव और बाबू गोकुलराम वर्मा कानपुर से भाग लेने आये सन 1932 में लगान बन्दी में स्कूल छोड़करछ महीने की सजा काटी 1940-41 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में एक वर्ष और और 50 रूपये के जुर्माने की सजा पायी । 50 रूपये जुर्माना न भरने के कारण 3 महीने के और सजा और भुगतनी पड़ी बस्ती जेल में सजा बढ़ जाने के कारण गोरखपुर भेजे गए और फांसीघर में कई दिनों तक बंद रहे सुभाष चंद्र बोस ने जिन दिनों सिंगापुर पर हमला किया था वर्मा जी छोड़ दिए गये ।
रामदत्त वैद्य पुत्र कोहली प्रसाद ग्राम अहुरी थाना मोहनगंज
राम दत्त जी जिनका जन्म 1906 में हुआ था आप रहवा प्राइमरी पाठशाला के अध्यापक थे । रामेश्वर सिंह से प्रभावित होकर गांजा भांग की दुकानों पर धरना देने लगे उसी में गिरफ्तार हुए । सन 1932 में 3 माह सजा तथा ₹15 जुर्माना हुआ जेल में तलाशी व परेड का विरोध करने पर मार पड़ी 4 दांत टूट गए जेल में 2 जमादारो पर पांच ₹5 रूपये का आर्थिक आर्थिक दंड लगाया गया । और जिला अधिकारी ने उन्हें 4 माह की सजा दे दी जेलर ने इनके साथ क्रूर व्यवहार किया इनका विवरण समाचार पत्र में प्रकाशित होने पर इंग्लैंड से मिस विलकिन्सन मामले की जांच करने आई थी जेल अधिकारियों ने नहीं मिलने दिया दोषी पाए जाने पर जेलर और सुपरिंटेंडेंट का स्थान्तरण कर दिया गया व्यक्तिगत सत्याग्रह में 1 वर्ष की सजा तथा ₹500 का जुर्माना हुआ राम दत्त जी के खेतों को तालुक्केदारो ने छीन लिए थे ।
जवाब देंहटाएंआपका लेख प्रशंशनीय है पर मैं इछुक हु यह जानने में की उस समय क्या रुख था राजपरिवार का..? उनके योगदान का कही वर्णन नही किया..।
गजअधार वर्मा अचकवपुर के हमारे रिलेशन के है तथा तीलोई ब्लॉक के जितने भी गाव के वीर पुरुष हुए है देश के लिए और देश के सभी क्रांति कारी वीरो का आज हमे उनपर गर्व हो रहा है १५ अगस्त पर उनको आज गर्व करते है हम तथा उनकी इस कुर्बानी से हमे देश बचाने की प्रेड़ा मिली है उन सभी जवानो को हमारी तरफ से सादर नमन (surendra kumar वर्मा)
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंAgar sabhi raj privar ek sath milkar ladte to ham kabhi bhi gulam nahi hote
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ऋषि जी
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